। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे देश की आर्थिक रूप से सम्पन्न राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए है राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को शिवजी मैदान में उन्हें 18 वे मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई । इससे पहले शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस ने उद्योग के नेतृत्व में न्यूनतम साझा कार्यक्रम जारी किया इसमें सेक्यूलर यानी धर्मनिरपेक्ष शब्द पर जोर दिया गया तीनों पार्टियों ने संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्ष मॉल बरकरार रखने की बात कही उद्धव के साथ शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के 22 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई एनसीपी से जयंत पाटील और छगन भुजबल जबकि कांग्रेस से बालासाहेब थोराट और नितिन रावत ने शपथ ली इस दौरान शिवाजी पार्क में तीनों दलों के कार्यकर्ताओं के साथ ही बड़ी संख्या में आम लोग भी पहुंचे थे उद्धव की शपथ लेते हुए मंच पर शहनाई गूंजी और मैदान में आशीर्वाद आतिशबाजी की गई उर्दू के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार मनसे प्रमुख राज ठाकरे के अलावा रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी उनकी पत्नी नीता अंबानी और छोटे बेटे अनंत भी मौजूद थे उद्धव ठाकरे शिवसेना के तीसरे मुख्यमंत्री हैं जबकि इस पद पर बैठने वाले ठाकरे परिवार के पहले नेता है गुरुवार को शपथ लेने पहुंचे उद्धव भगवा कुर्ता पहने हुए थे महाराष्ट्र के आठवें सीएम जो चुनाव जीतकर नहीं आए 27 जुलाई 1960 को जन्मे और शिवसेना के सीएम बनने वाले तीसरे ने इससे पहले मनोहर जोशी नारायण राणे चुके हैं उद्धव ने पहली बार शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे उन्होंने सबसे पहले ही लोगों के समक्ष माथा टेका छत्रपति शिवाजी और अपने पिता बाल ठाकरे को याद करने के बाद शपथ ली शपथ लेते ही उन्होंने विभिन्न घोषणा की इनमें मुख्य रूप से न्यूनतम कार्यक्रम में किसानों की कर्ज माफी ₹1 और ₹10 देने का किया वादा किसान कर्ज माफी होगी फसल के नुकसान पर किसानों को तुरंत राहत दिलवाने के लिए फसल बीमा योजना में बदलाव होगा इलाकों तक पानी की सप्लाई का सिस्टम तैयार किया जाएगा सभी सरकारी पद तुरंत भरे जाएंगे गरीब परिवार की लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी राज में शिक्षा का स्तर सुधारने के उपाय किए जाएंगे सड़कों की हालत सुधारी जाएगी तालुका स्तर पर ₹1 क्लीनिक खोले जाएंगे शपथ समारोह में देवेंद्र फडणवीस पहुंचे प्रदेश से मिले बिना चले गए तीनों दलों ने तय किया है की बहुमत परीक्षण से पहले मंत्रियों के नाम नाम तय नहीं किए जाएं मंत्री नहीं बनाए जाने पर कुछ विधायक नाराज हो सकते हैं ऐसे में बहुमत परीक्षण के दिन सदन से गायब भी रह सकते हैं इतने तीनों पार्टियां रिस्क नहीं लेना चाहती डिप्टी सीएम बनाने पर एनसीपी में शरद पवार के बाद दूसरे बड़े नेता अजित पवार के मंत्री पद की शपथ नहीं ली कांग्रेसो शिवसेना को अजीत को डिप्टी सीएम बनाने पर आपत्ति है एनसीपी में भी कुछ नेता भाजपा के साथ में के चलते से नाराज हैं इसलिए उन पर अभी फैसला नहीं हुआ है सरकार में है लेकिन शिवसेना के साथ देने पहुंचे थे इसी तरह ममता बनर्जी और भी नहीं पहुंचे 6 दिसंबर को शिव सेना दिवस के रूप में आती है और क्या करेंगे कुछ करने को तैयार नहीं है कुल मिलाकर कुल मिलाकर तीनों पार्टियों में बहुत सी ऐसी बातें हैं जो लगातार संशय ओर अविश्वास पैदा करेंगे क्या सरकार सफलतापूर्वक कार्यकाल पूरा कर पाएगी यह तो समय ही बताएगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।
क्या शिव सेना का सेकुलर चेहरा सफल होगा