भारतीय मूल की डॉक्टर मोनीषा घोष को अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (संघीय संचार आयोग) में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सीटीओ) नियुक्त किया गया है। अमेरिकी इतिहास में घोष से पहले इस पद पर किसी भी महिला को नियुक्त नहीं किया गया था।वह पहली महिला हैं जो इस पद तक पहुंच पाई हैं,भारतीय मूल के अजीत पई इस वक्त कमीशन के चेयरमैन के पद पर हैं,मोनीषा घोष अब उन्हें तकनीक और इंजीनियरिंग के मुद्दे पर सलाह देंगी,मोनीषा घोषा अगले साल 13 जनवरी 2020 को पदभार संभालेंगी, उन्होंने 1991 में दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और 1986 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर से बीटेक की डिग्री हासिल की थी, । FCC के अनुसार पहले वे नेशनल साइंस फाउंडेशन के कंप्यूटर नेटवर्क डिविजन में प्रोग्राम डायरेक्टर के तौर पर कार्य करती थी. यहां वे वायरलेस रिसर्च पोर्टफोलियो देखने के साथ वायरलेस नेटवर्किंग सिस्टम में मशीन लर्निंग के प्रोग्राम पर भी काम कर रही थीं. आपको बता दें, वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में रिसर्च प्रोफेसर भी रही हैं,उन्होंने इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 5जी और मॉडर्न वाई-फाई सिस्टम पर रिसर्च की है,एफसीसी के चेयरमैन अजीत पई के मुताबिक,घोष 5जी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अमेरिका को मदद करेंगी। घोष की वायरलेस टेक्नोलॉजी की गहरी समझ काफी कीमती साबित होगी। पाई ने आगे कहा, “डॉक्टर घोष ने इंडस्ट्री में वायरलेस से जुड़े कई मुद्दों पर रिसर्च की है,उनकी विशेषज्ञता काफी ज्यादा है। वे इंटरनेट ऑफ थिंग्स से लेकर मेडिकल टेलिमेटरी और प्रसारण के मानकों तक की जानकारी रखती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि उनकी नियुक्ति ऐतिहासिक साबित होगी। हमें गर्व है कि वे एफसीसी की पहली महिला सीटीओ होंगी। उम्मीद है कि उनका उदाहरण युवा महिलाओं को विज्ञान क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरणा देगा।”
भारतीय मूल की डॉक्टर मोनीषा घोष चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर नियुक्त