अर्थ व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर चौतरफा आलोचनाओं से घिरीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को पिछले दिनों संसद में लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने निर्बला कह कर संबोधित किया था, परंतु फोर्ब्स की वर्ष 2019 की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में नाम आना अधीर के विश्लेषण को असत्य सिद्ध करता है। अमेरिकी सामयिक फोर्ब्स की विश्व की 100 शक्तिशाली महिलाओं में निर्मला सीतारमन ने कई दिग्गज महिलाओं को पीछे छोड़ते हुए 34वाँ स्थान हासिल किया है।
वहीं नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार बनी सरकार में वित्त मंत्री का उत्तरदायित्व निभा रहीं निर्मला सीतारमन भले ही अर्थ व्यवस्था को लेकर उत्पन्न नकारात्मक वातावरण को लेकर विरोधियों की आलोचनाओं से घिरी हों, परंतु फोर्ब्स की सूची में स्थान हासिल कर उन्होंने सिद्ध कर दिखाया है कि वे एक शक्तिशाली, दृढ़ मनोबल की धनी और सक्षम महिला हैं। फोर्ब्स की सूची में निर्मला सीतारमन ने ब्रिटेन की रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पुत्री इवांका ट्रम्प को भी पीछे छोड़ दिया है। इस सूची में निर्मला जहाँ 34वें स्थान पर हैं, वहीं एलिज़ाबेथ द्वितीय 40वें और इवांका 42वें स्थान पर हैं। निर्मला ने यदि 34वाँ स्थान हासिल किया है जो भारतीय दृष्टिकोण से सबसे बड़ी उपलब्धि है । फोर्ब्स की 100 शक्तिशाली महिलायों में निर्मला जहाँ 34वें स्थान पर रही हैं, वहीं हिन्दुस्तान कम्प्यूटर्स लिमिटेड टेक्नोलॉजीस की कार्यपालक निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोशनी नदार मल्होत्रा विश्व की 54वीं शक्तिशाली महिला के रूप में उभरी हैं,रोशनी एचसीएल टेक्नोलॉजीस लिमिटेड के संस्थापक अध्यक्ष शिव नदार की पुत्री हैं। इसी प्रकार भारत की करोड़पति महिला उद्यमी और बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक किरण मज़ूमदास शॉ विश्व की 65वीं शक्तिशाली महिला के रूप में इस सूची में शामिल की गई हैं। इसके अतिरिक्त एक और नाम जो भारतीय दृष्टिकोण से गौरवशाली लगता है, वह है रेणुका जगतियाणी का,रेणुका भारतीय नहीं हैं, परंतु उनके पति मुकेश वाढुमाल जगतियाणी भारतीय मूल के हैं। जगतियाणी अमीराती अरबपति बिज़नेसमैन हैं,दुबई स्थित रीटेल स्टोर्स ग्रुप लैण्डमार्क के स्वामी हैं।
फोर्ब्स की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची 2019 में पहला और अंतिम स्थान प्राप्त करने वालीं दोनों उम्मीदवार अपने आप में आकर्षण का केन्द्र हैं। जहाँ जर्मनी की वाइस चांसलर 65 वर्षीय एंजेला मर्केल ने पहला स्थान प्राप्त कर अपने आपको करिश्माई नेता सिद्ध किया है, वहीं पर्यावरण संरक्षण अभियान के कारण पूरे विश्व में चर्चा के केन्द्र में रहीं स्वीडन की मात्र 17 वर्षीय किशोरी ग्रेटा थनबर्ग ने इस सूची में 100वें स्थान के साथ एंट्री करके आने वाले समय में एक महान महिला बनने के संकेत दिए हैं। एंजेला मर्केल तो अनुभवों और कुशलताओं के बल पर पहले स्थान पर रहीं, परंतु ग्रेटा ने इतनी अल्पायु में पर्यावरण संरक्षण को लेकर क्रांतिकारी विचारों से दुनिया को झकझोर कर फोर्ब्स की सूची में स्थान प्राप्त किया है। इस लिहाज़ से देखा जाए, तो ग्रेटा ने 100वें स्थान पर रह कर भी पहले स्थान पर रहीं मर्केल से भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
फोर्ब्स की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में तीन भारतीय।