नई दिल्लीः भारतीय लोक लेखा सेवा की वरिष्ठ अधिकारी सोमा रॉय बर्मन ने रविवार को देश के नये नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का पद भार ग्रहण कर लिया। बर्मन भारतीय लोक लेखा सेवा की 1986 बैच की अधिकारी हैं और उन्होंने देश के 24वें नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक के रूप में पदभार संभाला है। वह दिल्ली विश्व विद्यालय से एमफिल हैं।
उन्होंने 33 साल के अपने कैरियर में गृह, सूचना और प्रसारण, उद्योग, वित्त, मानव संसाधन विकास, सड़क परिवहन, शिपिंग सहित कई मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वह केंद्रीय पेंशन एकांऊटिंग आफिस की प्रमुख रही हैं। वह आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव के रूप में 'बजट सेक्शन 'में अपनी सेवाएं देने के साथ ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यालय में निदेशक भी रही है।
इससे पहले उन्होंने सीजीए में अतिरिक्त महा लेखा परीक्षक के रूप में भी काम किया है। केंद्र सरकार में सार्वजनिक वित्त प्रबंधन क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संक्षिप्त नाम: CAG) भारतीय संविधान के अध्याय ५[1] द्वारा स्थापित एक प्राधिकारी है जो भारत सरकार तथा सभी प्रादेशिक सरकारों के सभी तरह के लेखों का अंकेक्षण करता है। वह सरकार के स्वामित्व वाली कम्पनियों का भी अंकेक्षण करता है। उसकी रिपोर्ट पर सार्वजनिक लेखा समितियाँ ध्यान देती है। भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक एक स्वतंत्र संस्था के रूप में कार्य करते हैं और इस पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता| भारत के नियंत्रण और महालेखापरीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं|[2] नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक ही भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा का भी मुखिया होता है। इस समय पूरे भारत की इस सार्वजनिक संस्था में ५८ हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक का कार्यालय 10 बहादुर शाह जफर मार्ग पर नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान समय में इस संस्थान के मुखिया सोम्या रॉय बर्मन' हैं। वे भारत के 13वें नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक हैं। इनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की उम्र, जो भी पहले होगा, की अवधि के लिए राष्टपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। केन्द्र अथवा राज्य सरकार के अनुरोध पर किसी भी सरकारी विभाग की जाँच करता है। अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत का एक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक होगा। यह भारत सरकार की रिपोर्ट राष्ट्रपति को और राज्य सरकार की रिपोर्ट राज्य के राज्यपाल को देता है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्य
(1) वह भारत की संचित निधि , प्रत्येक राज्य की संचित और प्रत्येक संघ शाषित प्रदेश, जहाँ विधानसभा हो, से सभी व्यय सम्बन्धी लेखाओं की लेखा परीक्षा करता है।इसका वेतन संसद द्वारा निर्धारित होता हैं। अनु.148(4) के अनुसार नियंत्रक महकेखापरिक्षक अपने पद पर न रह जाने के पश्चात, भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी और पद का पात्र नहीं होगा। संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत के साथ उसके दुर्व्योहर या अयोग्यता पर प्रस्ताव पारित कर इसे पद से हटाया जा सकता हैं। इसे लोक लेखा समिति का 'आंख व कान' कहा जाता हैं।
सोमा रॉय बर्मन बनीं 24 वीं नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक