उज्जैन की मंजू बंबोरिया ने विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिपः में जीता गोल्ड

उज्जैन के ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली इंटरनेशनल बॉक्सर मंजू बंबोरिया ने 13 वे दक्षिण एशियाई गेम्स में मंगलवार को बॉक्सिंग के फाइनल मुकाबले में नेपाल की पूनम रावत को 3-2 से हराकर गोल्ड मैडल जीता किसान की बेटी मंजू बॉक्सिंग में इंटरनेशनल चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली उज्जैन की पहली बेटी हैं। वह इसके पहले भी इंटरनेशनल चैंपियनशिप में खेल चुकी हैं।मंजू को 2017 में घुटने में इंज्युरी होने के बाद वह दो साल तक बॉक्सिंग रिंग से दूर रही थी। 2018 में घुटने का आपरेशन होने के बाद जनवरी 2019 में उन्होंने वापसी की और नेशनल चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीता। इसके साथ ही वह इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए चयनित होकर दिल्ली में आयोजित होने वाले नेशनल कैंप में शामिल हुई थी। कैंप में चार महीने की ट्रेनिंग के बाद मंजू ने इंटरनेशनल रिंग में शानदार वापसी की है।
मंजू मूलत: उज्जैन जिले की तहसील खाचरौद की रहने वाली हैं। 8 साल की उम्र में बॉक्सिंग का शौक पूरा करने के लिए वह अपने घर पर बालूरेती का तकिया बनाकर प्रैक्टिस करती थी। स्कूल चैंपियनशिप में जूनियर वर्ग में जिला, संभाग और स्टेट में शानदार प्रस्तुति के बाद स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चयनकर्ताओं की नजर में आई और उसे भोपाल की एकेडमी में प्रवेश दिया गया। इसके बाद से मंजू लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। मंजू ने उज्जैन की विक्रम विश्वविद्यालय स्थित बॉक्सिंग एकेडमी में भी प्रैक्टिस की है।