उज्जैन। कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ धर्मेंद्र जोशी की उचित इलाज के अभाव में संक्रमण के चलते मौत होने से एक तरफ जहां स्वास्थ्य के इंतजामों की पोल खुल गई है वहीं दूसरी तरफ यह तय हो गया है कि कोरोना से स्वयं का बचाव करना ही सबसे बेहतर उपचार है। सूत्रों के मुताबिक धर्मेंद्र जोशी ने कल ही अपने एक रिश्तेदार को मोबाइल पर कहा था कि उसे अच्छे डॉक्टर को बताओ यहां उसका प्रॉपर इलाज नहीं हो रहा है। धर्मेंद्र जोशी के अलावा जिला अस्पताल की दोनों नर्सो का भी उचित इलाज नहीं हो रहा है यह विडंबना ही है कि जो दो नर्स कल तक अपनी जान पर खेलकर ड्यूटी करती रही आज जब उन्हें इलाज की आवश्यकता महसूस हुई तो उनका उचित इलाज नहीं किया जा रहा है ।कल जैसे ही उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई वैसे ही उन्हें आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उनका इलाज करने से इनकार कर दिया यहां तक कि पुलिस भी मौके पर पहुंची इसके बाद दोनों नर्सों को माधव नगर अस्पताल में ही इलाज के लिए भर्ती किया गया, यह बात भी सामने आई है कि दोनों नर्स पहले से ही जानती थी कि आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में उचित इलाज नहीं दिया जा रहा है इसलिए वह स्वयं भी चाहती थी कि उनका इलाज माधवनगर में ही किया जाए लेकिन एक बड़ी दुविधा यह भी है कि माधव नगर अस्पताल संदिग्ध लोगों का इलाज किया जा रहा है ऐसे में यदि इन दोनों की वजह से किसी को संक्रमण हो गया तो इसका जवाबदार कोन होगा इधर बड़नगर में पिछले 15 दिनों में एक ही परिवार के 6 लोगों की मृत्यु होने के बाद हड़कंप मच गया है इनमें से एक की मौत कल सीएचएल अस्पताल उज्जैन में हुई जबकि मृतक की पत्नी और बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनका उपचार माधव नगर अस्पताल में किया जा रहा है।
कोरोना वारियर्स भी चपेट में जिम्मेदार कौन????